Indigo उड़ेगा या उड़ान के Rule?
भारतीय आसमान में उड़ने में असमर्थ तड़फती Indigo एयरलाइंस ICU में है और हमारी सरकार दवाई देकर उसको मरने से बचाने का पूरा प्रयास कर रही है। अब देखना यह है कि Indigo उड़ेगी या उड़ान के Rule🤔
वैसे ये इंडिया है और यहां 'प्लेन' से पहले 'नियम' लैंड कर जाते हैं🙏
तो कहानी कुछ इस प्रकार है कि कुछ समय पहले अचानक एक दिन केंद्र सरकार को जिम्मेदारी का दौरा पड़ा और उन्होंने उड्डयन मंत्रालय से DGCA को आदेश दिलाते हुए ऐलान किया कि पायलट भी इंसान हैं और रात-दिन नहीं उड़ सकते इसलिए उनको भी Weekly Rest मिलना चाहिए।
फिर क्या, हंगामा हुआ और रायता फैला गया।
उड़ानें रद्द होने लगीं और यात्री एयरपोर्ट पर फंस गए।
उड्डयन मंत्री के चेहरे पर पसीना और Indigo के चेहरे पर हवाईयां.... क्योंकि गुजरात में Plane crash के बाद Air India पहले से ही problems से जूझ रहा था।
बस फिर क्या, सरकार ने घबराकर आनन-फानन में किसान कानूनों की तरह FDTL नियमों को “पुनर्विचार” के नाम पर वापस लेते हुए दफना दिया।
अब केंद्र सरकार के इस पलटू रवैए को देखकर पायलट संघ विद्रोह पर उतर आया और DGCA को पत्र लिखते हुए कहा कि सरकार का यह फैसला सीधा-सीधा यात्रियों की सुरक्षा से समझौता है क्योंकि पायलटों की थकान से यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है।
अब पायलटों के इस उठते विद्रोह को दबाने के लिए DGCA ने कमान संभालते हुए कहा कि IndiGo जो प्रतिदिन लगभग 2300 उड़ानें भरती थी, अब उसमें लगभग 300 उड़ानों की कटौती की जाएगी।
उधर दूसरी तरफ रोते बिलखते यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अन्य विमान कंपनियों ने अपने फ्लाइट टिकट का दाम 5 से 10 गुना तक बढ़ा दिया और सरकार बस निहारती रही।
जब विपक्ष ने सरकार की नाकामी और अब्यवस्था पर सवाल उठाया तो उड्डयन मंत्री कहने लगे कि यह राजनीति का विषय नहीं है इसलिए विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
फिर जन-आक्रोश को देखते हुए सरकार ने कहा कि यात्रियों को कैंसिल हुए टिकटों का रिफंड दे दिया गया है
लेकिन बाद में पता चला कि Refund तो मिला पर GST काटकर🤔
लेकिन सुविधा शुल्क तो सेवाओं पर लिया जाता है ना, और यहां तो सेवाएं ही ठप हो गईं तो GST की कटौती क्यों??
मेरे हिसाब से तो यहां तो उल्टा विमान कंपनी और सरकार को असुविधा शुल्क यात्रियों को देना चाहिए था।
खैर वो छोड़िए और ये सोचिए कि Indigo तो सिर्फ अपनी कैंसल हुई फ्लाइट का किराया वापस कर रही है लेकिन उन यात्रियों का क्या जिनको पढ़ाई, रोजगार या किसी जरूरी काम से विदेश जाना था और उनको Indigo Crisis के कारण Last Minute अपनी Connecting Flight भी कैंसिल करनी पड़ी??
ऐसे हालातों में विदेश जाने वाले ना जाने कितने ही छात्रों, डाक्टरों और इंजीनियरों का भविष्य बर्बाद हो गया होगा। अब इस अनदेखे-अनकहे नुकसान की भरपाई कौन करेगा??
अब जब बात सरकार की जवाबदेही पर आई तो सरकार में कहकर इस मामले से अपना पल्ला झाड़ रही है कि Indigo के ऐसे बदतर हालातों के लिए सिर्फ और सिर्फ Indigo ही जिम्मेदार है।
लेकिन कैसे❓❓ और ये क्या बात हुई मंत्रीजी❓❓
जब भी देश में कुछ अच्छा होता है तो सारा क्रेडिट मोदीजी का और जब देश पर संकट हो तो जवाबदेही विभाग या कंपनी की??
आखिर अभी तक Aviation Ministry और DGCA कर क्या रहे थे??
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