GST उत्सव - मगर किसके लिए❓
अमेरिकी टैक्स से भारतीय Manufacturing यूनिट्स को बहुत नुकसान हुआ है क्योंकि उनका अमेरिका का Export ना के बराबर हो गया है।
और अब H1B वीजा फीस बढ़ने से Service क्लास भी बेहाल है तथा भारतीय IT कंपनियों पर Recession का खतरा मंडराने लगा है।
तो बात यह उठती है कि आखिर ऐसा क्या बदल गया भारत की अर्थव्यवस्था में जो अचानक से मोदी सरकार भारत की जनता के ऊपर से GST का बोझ कम कर रही है❓
जबकि रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पिछले 2 वर्षों भारत सरकार लगातार रुस से सस्ता तेल खरीद रही है लेकिन उसके बावजूद मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल की कीमत में एक रूपया कम नहीं किया।
या फिर जनता पर टैक्स बोझ कम करने की बात तो बस एक जुमला है, असल में सारा खेल बड़े व्यापारियों पर GST बोझ कम करके Export बंद होने से हो रहे उनके भारी नुकसान को कम करना और जनता को GST उत्सव की मीठी गोली देकर Festive season में जनता की पाकेट से पैसे निकाल व्यापारियों की तिजोरी भरने का है❓❓
क्योंकि अगर हम मैनुफैक्चरिंग कम्पनियों के Stock रिपोर्ट पर एक नजर डालें तो पता चलेगा कि कम्पनियों के Warehouse भरे पड़े हैं क्योंकि टैरिफ बढ़ने से वो अपना माल अमेरिका को नहीं बेच पा रहे हैं और अगर साल के अंत तक उनका माल भारत में भी नहीं बिका तो उनको बहुत नुक्सान होगा। इसलिए 5-10% की ज्यादा छूट देकर अगर उनका माल निकलता है और कम्पनी की मैन्युफैक्चरिंग cost रिकवर होती है तो कौन सी कम्पनी ऐतराज करेगी!
तो अंत में सवाल यही उठता है मोदी जी का कथित GST उत्सव जनता के लिए है या बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कम्पनियों के लिए🤔❓
Comments
Post a Comment