कितना हसीन हो वो दिन
कितना हसीन हो दिन और रंगीन शाम हो जाए
हर हिन्दू में खुदा हो और मुस्लिम में राम हो जाए
नमाज में रामनाम गूंजे और भजन में अजान हो जाए
रोज ईद की सुबह हो और दिवाली की शाम हो जाए
आंचल में मां के भेद ना हो ना लाज किसी की लुटने पाए
हो हर हिन्दू में अगर खुदा और मुस्लिम में रामनाम हो जाए
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