अंधभक्तों की सेना
हमारे प्रगतिशील विचारों वाले मोदीजी ने अंधभक्तों की एक ऐसी नई फौज तैयार कर दी है जो देश को आगे ले जाने की जगह 1947 की बात करके कमियां गिनाते हैं।
• मंडल की बात करो तो मंडल पर जवाब देते हैं,
• बेरोजगारी की बात करो तो पाकिस्तान की जीडीपी गिनाते हैं,
• सरकार की नीतियों पर प्रश्न करो तो देशद्रोही बताते हैं,
• सैनिकों पर रक्षा खर्च देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बताते हैं,
• प्रशासनिक अधिकारी नौकरी छोड़ वीआरएस लेकर राजनीति में आ रहे हैं लेकिन देश की रक्षा करने वाले और भारत माता को सैल्यूट करने वाले जवानों को सरकार 4 वर्षों में ही जबरदस्ती वीआरएस देकर अमीरों की संस्थाओं में प्रशिक्षित सिक्योरिटी गार्ड बनकर उनको सैल्यूट करने के लिए मजबूर कर रही है।
• पड़ोस में हो रहे मजबूर पर अत्याचार को भी ये भक्तसेना धर्म के चश्मे से देखती है और उसको रोकने की जगह बाबा के चमत्कार करने का इंतज़ार करती है
वैसे सारी गलती इन अंधभक्तों की भी नहीं है क्योंकि बीजेपी ने छात्रों के सिलेबस से लेकर मीडिया के एजेंडा तक सब कुछ अपनी नीतियों और सहूलियत के हिसाब से बदल दिया है।
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