अब्दुल की लक्ष्मी माता
हम जलाते रहे दिए लक्ष्मी माता तुम्हें बुलाने को,
और अब्दुल बिन दिया जलाये ही अमीर हो गया।
रहीम ने दुआएं मांगी जा जाकर मजारों पर,
हमने बस मन में नाम लिया और बेड़ा पार हो गया।
अगर लक्ष्मी जी सिर्फ हिंदुओं की सुनती तो शेख अमीर न होते,
और अगर चादर ओढ़ाकर ही अल्लाह सुनता तो लाशों पर कफन न होते।
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