फूल लाया वो कमल का
फूल लाया वो कमल का बताओ क्या करूं इसका,
चौकीदार जो बनकर चोर आये तो क्या करूं उसका।
राम नाम की आड़ में वो देश में कर रहे लूटम लूट,
जनता जैसे धृतराष्ट्र बन गयी दिलों में डाले फूट।
क्या पसारना चाहते हो फिर हाथ अपना सरकार के सामने,
अगर बदलना है नसीब तो अब चलो सब चलें पंजा थमाने।
जो करी थी दो बार भूल वो भूल अब भूल जाओ,
सब जागो चलो और मिलकर अब साथ आ जाओ।
है वजन अभी भी एक उंगली का बहुत समझो ना हल्का,
फूल लाया वो कमल का बताओ क्या करूं इसका।
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