मोदी वाले अच्छे दिन
अच्छे दिनों का वादा करके सत्ता में आये मोदी शाह,
भ्रष्टाचारी सब नेक हो गये चौकीदार हो गया तानाशाह।
काला धन लाते लाते वो सारा देश ही काला कर बैठे,
धर्मवोट के लालच में देश बदलते बदलते संविधान बदल बैठे।
चारों तरफ बेरोजगारी, भुखमरी और महंगाई है घनघोर,
हर तरफ दिनों दिन बढ़ रहा है काले धन का जोर।
मन उनका है मैला लेकिन भाषण बड़े हैं लच्छेदार,
अभी बनाया था जो नया पुल उसमें भी पड़ गई दरार।
महंगाई ने हमें रूलाया हो गये सारे सपने फेल,
पंख लग गये हों जैसे ऐसे उड़ रहे दाल आटा और तेल।
अब प्रजातंत्र के पेड़ पर, गिद्ध सियारों का कब्जा हो गया,
देश को विश्वगुरु बनाने का बोला फिर चंदा खाकर सो गया।
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