बुरा न मानो होली है
देश लूटकर रंग बदलने की कला में निपुण एक नेता जी, नौकरी के झूठे वादों से निराश बेरोजगारों की भीड़ में चुनावी योजनाओं का रंग लेकर होली खेलने के लिए शरीक हो गए
तभी उस भीड़ से एक युवा बोला नेता जी हम भावनाओं से नहीं प्यार के रंगों से होली खेलते हैं
उसी बीच किसी ने पास पड़ा गोबर उठाया और बड़े प्यार से नेता जी के चेहरे पर लगाया
और बोला नेता जी इस चुनावी मौसम को देखकर ही आपकी नियत डोली है
आइए आपको अंधभक्ति का रंग लगा दूं क्योंकि बुरा ना मानो होली है
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