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समाज के क्रान्ति कुमार 🙏

आजकल कुछ क्रांति कुमार समाज का "मनोज कुमार" बनकर देश के लिए एक नई क्रांति लेकर आए हैं‌ ये कह रहे हैं कि सोशल मीडिया पर अश्लील डांस महिलाओं की जीविका और रोजगार का साधन है🙏 अगर उनके इस ज्ञान के हिसाब से चलें तो पोर्न वीडियोज भी पोर्न एक्टर्स की जीविका का साधन है और ये ना जाने कितने लोगों को रोजगार भी देता है?🤔 कल को ये कहेंगे कि किसी कम्पनी के प्रोडक्ट की 1st copy बनाकर बेचना भी कला है और ये भी रोजगार है।🙄 फिर तो किसी के घर में बिना पता लगे चोरी करना या फुल सिक्योरिटी होने के बावजूद कहीं illegally घुस जाना भी एक कला है।🤫 और इतने प्रोसेस ओरिएंटेड सिस्टम वाले देश में घोटाले करना भी एक कला ही होगी शायद।😳 अरे भाई किसी महिला की ऐसी भी क्या मजबूरी है उसको अंगप्रदर्शन करके ही कमाना है? क्या इस देश में अब आबरू बेचकर घर चलाना ही रोजगार का बस एक साधन रह गया है? अगर आप मार्डन फिल्मों का उदाहरण देकर ऐसे असली डांस को कला का नाम देते हैं तो फिर आपकी सोच को कोटि-कोटि प्रणाम है और समाज की गंदगी को बेंचमार्क बनाकर समाज सुधार के नियम बनाना कोई आपसे सीखे🙏 मेरा मानना है कि अगर किसी महिला को ...

वक्त के साथ हालात भी बदल जायेंगे तुम कोशिश तो करो

 फिर सारे गम भुला कर एक बार मुस्कुराओ तो सही। जाति धर्म की जंजीरें तोड़ कर बाहर आओ तो सही।। इस नफरती समाज से तोड़ लो सारे मतलब के रिश्ते। कुछ हसीन लम्हें खुद के साथ भी बिताओ तो सही।। जमाने से खुशियों की उम्मीद करना भूल होगी तेरी। अपनी खुशियाँ जमाने से छीनकर दिखाओ तो सही।। तुम्हें खुद बदलनी होंगी अपनी किस्मत की लकीरें। जुल्म के ख़िलाफ एक बार आवाज उठाओ तो सही।।